कविता हुनरमंद है वो September 26, 2018 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment विनोद सिल्ला वो भिगो लेता है शब्दों को स्वार्थ की चाशनी में रंग जाता है अक्सर अवसरवादिता के रंग में वो धार लेता है मौकाप्रसती के आभूषण ओढ़ लेता है आवरण आडम्बरों का नहीं होता विचलित रोज नया रंग बदलने में आगे बढ़ने के लिए रख सकता है पाँव अपने से अगले के गले पर […] Read more » रंग हुनरमंद है वो