व्यंग्य साहित्य अटेंशन – एक व्यंग्य कथा !!! January 28, 2012 / January 30, 2012 by विजय कुमार सप्पाती | 1 Comment on अटेंशन – एक व्यंग्य कथा !!! कुछ दिन पहले तक मेरी हालत बहुत खराब थी। मुझे कहीं से कोई भी अटेंशन नहीं मिल रही थी। हर कोई मुझे बस टेंशन देकर चला जाता था, जैसे मैं रास्ते का भिखारी हूँ और मुझे कोई भी भीख में टेंशन दे देता था। मैं बहुत दुखी था। कोई रास्ता नहीं दिखाई देता था। मुझे […] Read more » vyangya अटेंशन व्यंग्य कथा