समाज राष्ट्र की अवचेतना का संरक्षक कौन ? November 30, 2018 / November 30, 2018 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य एक लोकतांत्रिक देश में न्यायपालिका , कार्यपालिका और विधायिका इन तीनों को राष्ट्र की अवचेतना का संरक्षक माना जाता है। इसके साथ – साथ जब इनमें से कोई भी अपने दायित्व और कर्तव्य के निर्वहन में कहीं चूक करता है तो लोकतंत्र के चौथे स्तंभ प्रेस की महत्वपूर्ण भूमिका भी सामने आती […] Read more » अतार्किक अवैज्ञानिक कार्यपालिका जाति धर्म न्यायपालिका राष्ट्र की अवचेतना का संरक्षक कौन ? लिंग विधायिका
राजनीति समाज “इफ़्तारनामा” : ज़रूरत, धर्म के मर्म को समझने की June 11, 2018 / June 11, 2018 by तनवीर जाफरी | Leave a Comment तनवीर जाफ़री ‘इफ़्तार’ उस प्रक्रिया का नाम है जो मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा माह-ए-रमज़ान में रखे जाने वाले रोज़े के समापन के समय अमल में लाई जाती है। सीधे शब्दों में रोज़ा अथवा व्रत खोलने को इफ़्तार कहा जाता है। भारतवर्ष चूंकि एक धर्मनिरपेक्ष देश है इसलिए यहां मुसलमानों द्वारा कठिन से कठिन […] Read more » "इफ़्तारनामा" : ज़रूरत Featured अतार्किक अधार्मिक व अमानवीय क़िस्म इफ़्तार पार्टियां धर्म के मर्म को समझने की बेबुनियाद मुख्यमंत्री आवासों राजभवनों विभिन्न राजनैतिक दलों सरकारी व ग़ैर सरकारी कार्यालयों