Tag: अथ अहं ब्रह्मास्मि

कविता

मैं कौन हूं? अथ अहं ब्रह्मास्मि (छः)

/ | Leave a Comment

—विनय कुमार विनायकमैं इलापुत्र ऐल!सूर्यवंशी मनु का दौहित्र,उस द्वन्द की कड़ी मेंचन्द्रवंशी आर्य ‘पुरुरवा’ था!सप्तद्वीप नौ खण्ड का स्वामीउर्वशी का भोगी,आयु का जन्मदाता!(7)मैं ‘नहुष’आयु का आत्मज,अति शौर्यवश हुआइन्द्र पदाभिषिक्तमेरी मुट्ठी में कैद थीधरती-स्वर्ग-इन्द्रासन!क्या ब्राह्मणत्व!क्या देवत्व! क्या आर्यत्व!सबने किया मेरा नमन,किन्तु स्वअहंवशमैं हुआ पतनशीलब्राह्मणत्व से शापित होकर,देवत्व से क्षीण/आर्यत्व से मलीनमैं हुआ इन्द्रपद से च्युत,अकर्मण्य अजगर […]

Read more »