कविता मैं कौन हूं? अथ अहं ब्रह्मास्मि (नौ) June 11, 2021 / June 11, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकमैं ‘यदु’ अधिकार वंचितब्राह्मण का दौहित्र,ओजस्वी क्षत्रिय का प्रथम रक्त बूंदज्येष्ठांशभागी युवराज था!किन्तु ब्राह्मणत्व अहंऔर क्षत्रियत्व दंभ के द्वन्द नेमुझको किया सत्ताविहीन भिखारी!मैं बना वणिक-वैश्य,मेरा भ्राता तुरु तुर्कद्रहयु द्रविड़/अनु भोज-म्लेच्छ आनवऔर लघु अनुज पुरु पौरवराज बना!चन्द्रवंश का गौरव,कौरव-पाण्डव का पुरखा,चक्रवर्ती पद का अधिकारी!देखा मैंने इन आंखों सेपितृजन की गद्दारीमैं छलित हुआ/मैं दलित हुआमैं […] Read more » अथ अहं ब्रह्मास्मि
कविता मैं कौन हूं? अथ अहं ब्रह्मास्मि (छः) June 10, 2021 / June 10, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकमैं इलापुत्र ऐल!सूर्यवंशी मनु का दौहित्र,उस द्वन्द की कड़ी मेंचन्द्रवंशी आर्य ‘पुरुरवा’ था!सप्तद्वीप नौ खण्ड का स्वामीउर्वशी का भोगी,आयु का जन्मदाता!(7)मैं ‘नहुष’आयु का आत्मज,अति शौर्यवश हुआइन्द्र पदाभिषिक्तमेरी मुट्ठी में कैद थीधरती-स्वर्ग-इन्द्रासन!क्या ब्राह्मणत्व!क्या देवत्व! क्या आर्यत्व!सबने किया मेरा नमन,किन्तु स्वअहंवशमैं हुआ पतनशीलब्राह्मणत्व से शापित होकर,देवत्व से क्षीण/आर्यत्व से मलीनमैं हुआ इन्द्रपद से च्युत,अकर्मण्य अजगर […] Read more » Atha Aham Brahmasmi अथ अहं ब्रह्मास्मि
कविता मैं कौन हूं? अथ अहं ब्रह्मास्मि (तीन) June 9, 2021 / June 9, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकमन्वन्तर-दर-मन्वन्तरमनु के बेटों कामनु की व्यवस्था सेपूछा गया सवाल,पूछता है फिर-फिरआज भी मनु का बेटा!यह जानकर भीकि जबाव नहीं देगा व्यवस्थाकारखामोश ही रहेगा सीधे सवाल परमानक बनाने वालामैं का/मैन का/मन का!अस्तु अवसर विशेष पर कहे गएब्रह्मवाक्य में हीहल ढूंढेगा मनु का बेटा यह जानकरकि ब्रह्मवाक्य मिथ्या नहीं होता!हे आदि सनातन धर्म के नियामकमेरे […] Read more » अथ अहं ब्रह्मास्मि