विविधा अनुभव और संकल्प से नया रचें December 24, 2015 by ललित गर्ग | Leave a Comment ललित गर्ग- नए साल की शुरूआत पर कुछ नया सोचें, नया लिखें, नया करें, नया कहें और नया रचें। प्रश्न है नया हो क्या? क्या कलेण्डर बदल देना ही नयापन है? पर मूल में तो सबकुछ कल भी वही था, आज भी वही है और कल भी वही होगा। जीवन का भी यही अन्दाज है-जो […] Read more » Featured अनुभव और संकल्प से नया रचें