कविता अब राजनीति में नेता चोला नहीं अंतरात्मा बदल लेते August 12, 2022 / August 12, 2022 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकअब राजनीति में नेताचोला नहीं अंतरात्मा बदल लेतेकल तक जो भ्रष्टाचारी थेउन्हें महात्मा कहने पर बल देतेस्वार्थ सिद्धि हेतु जनता से छल करते! भाई भतीजावाद के लिए जीते मरतेअब राजनेता क्या क्या नहीं करते रहते?कुकर्म को सुकर्म, सुकर्म को कुकर्म कहते! ऐसे तो मुंडे मुंडे मतिर्भिन्ना होतेराजनीति में राम में रावण होते, रावण […] Read more » अब राजनीति में नेता चोला नहीं अंतरात्मा बदल लेते