धर्म-अध्यात्म नित्य, अजर अर्थात अमर है जीवात्मा January 5, 2016 by अशोक “प्रवृद्ध” | Leave a Comment अशोक “प्रवृद्ध” वेद, उपनिषद, दर्शनादि ग्रन्थों के अनुसार शरीरी अर्थात जीवात्मा शरीर से पृथक है । सुन्दर वृद्ध होने वाले शरीर में इसका भोग करने वाला बैठा है । जीवात्मा देह बदलता रहता है । सुख- दुःख शरीर को प्राप्त होते हैं, परन्तु जो सदा से है, शरीर के साथ नष्ट नहीं होता, वह […] Read more » Featured अजर अमर है जीवात्मा नित्य