Tag: अरविन्द घोष

विविधा

ऋषि-द्वय कह गए दुनिया से,युग-परिवर्तन नियति की नीयत है

| Leave a Comment

दोनों उच्च कोटि के पत्रकार-सम्पादक थे । अंग्रेजी शासन के विरूद्ध अरविन्द अंग्रेजी में ‘वन्देमातरम’ निकालते थे , तो श्रीराम हिन्दी में ‘सैनिक’ । किन्तु बाद में किसी दिव्यात्मा के सम्पर्क से दोनों योग-साधना के बदौलत चेतना के उच्च शिखर पर पहुंच कर दैवीय योजना के तहत अपनी-अपनी भूमिका को तदनुसार नियोजित कर राष्ट्रीय चेतना जगाने-उभारने के आध्यात्मिक उपचार में संलग्न हो गए ।

Read more »