परिचर्चा विविधा अलहड़ जीवन की सृजन की पाठशाला ! मां की भूमिकाएं May 11, 2015 / May 11, 2015 by लक्ष्मी नारायण लहरे कोसीर पत्रकार | Leave a Comment -लक्ष्मी नारायण लहरे- समाज की परिकल्पना करना मां के बगैर अधूरा है । मां समाज की नींव है। शसक्त समाज की कुंजी है ,जो अपने सहजता ,सरलता ,अपनापन ,प्रेम ,स्नेह ,ममता की मीठी अनुभवों को जन्म देती है। मां मात्र एक शब्द नहीं है ,एक अनुभूति है जो परिभाषाओं से परे है । ऐसा एक […] Read more » Featured अलहड़ जीवन की सृजन की पाठशाला ! मां की भूमिकाएं मां माता मातृ दिवस