विविधा विश्वगुरू के रूप में भारत-32 September 25, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य सभी मनुष्यों को यह अधिकार है कि बुद्घि पूर्वक अपने जीवनोद्देश्य का निर्धारण करे। अपनी सामाजिक, शारीरिक व आत्मिक उन्नति करे, साथ ही परोपकारी बने रहकर अन्य जीवों के कल्याण की योजनाओं में भी लगा रहे, विद्या प्राप्ति करे और अज्ञान से युक्त होकर अपनी शारीरिक रक्षा करने व भोजन वस्त्र […] Read more » Featured अष्टांगयोग कर्मफल व्यवस्था भारत भारत में कर्मफल व्यवस्था विश्वगुरू विश्वगुरू के रूप में भारत