कविता कविता – आता हूँ प्रतिवर्ष March 20, 2012 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment विमलेश बंसल चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन मैं आता हूँ प्रतिवर्ष। जी हाँ मुझको कहते हैं नववर्ष॥ भरता हूँ नव जीवन सबमें, विमल उमंग उत्कर्ष। जी हाँ मुझको कहते हैं नववर्ष॥ 1)मैं वसंत का प्राण निराला। कर देता सबको मतवाला। मुझसे सबको हर्ष॥ जी हाँ मुझको कहते हैं नववर्ष॥ 2)नहीं ग्रीष्म में नहीं शीत में। […] Read more » poem Poems आता हूँ प्रतिवर्ष कविता