कविता आत्म चेतना यानि अपनी चैतन्यता से परमात्मा को पाना February 23, 2022 / February 23, 2022 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकआत्मा ही अपना है बाकी बेगानाआत्मा ‘मैं हूं’ नहीं हैमैं तो अहं है अहंकार का सृजनकर्ताआत्मा का अर्थ आत्मन स्वयं होताअस्तु ‘मैं’ का अहं त्याग करसिर्फ ‘हूं’ होना होता आत्म चेतनायह ‘हूं’ ही है परम चेतना परमात्माये ‘मैं’ के आवरण से घिरी आत्मामैं के अहंकार भाव से मुक्त होकरआत्मा ही परमात्मा को प्राप्त […] Read more » आत्म चेतना यानि अपनी चैतन्यता से परमात्मा को पाना