समाज आश्रम व्यवस्था और साम्यवाद February 24, 2016 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment अब सारे कार्यों के लिए लोग राज्य की ओर टकटकी लगाये रहकर देखते रहते हैं। अधिकार प्रेमी लोग प्रमादी होते हैं और कम्युनिस्टों ने ऐसे ही समाज का निर्माण किया है। जबकि भारत की आश्रम-व्यवस्था का तो शाब्दिक अर्थ भी आश्रम=श्रम से परिपूर्ण है। ब्रहमचर्याश्रम में विद्याध्ययन का श्रम है, गृहस्थ में गृहस्थी को चलाने […] Read more » Featured आश्रम व्यवस्था और साम्यवाद