कविता एक गजल मोहब्बत पर August 16, 2018 / August 16, 2018 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment तुम सामने आ जाओ,मेरे सोये जज्बात जग जाये मेरी मोहब्बत के सफर में एक नया रंग आ जाये करता हूँ की इसलिए हर वक्त मैं तू जन्नत से उतर कर मेरे साथ संग आ जाये छोड़ दू मैखाना मैं जाना ता उमर जिन्दगी अगर तू मेरे नशे का एक अंग बन जाये पैदा करे मिसाल मोहब्बत […] Read more » इबादत इश्क इल्जाम एक गजल मोहब्बत पर मोहब्बत
कविता इल्जाम October 21, 2009 / December 26, 2011 by हिमांशु डबराल | 2 Comments on इल्जाम वो इस कदर गुनगुनाने लगे है, के सुर भी शरमाने लगे है… हम इस कदर मशरूफ है जिंदगी की राहों में, के काटों पर से राह बनाने लगे है… इस कदर खुशियाँ मानाने लगे है, के बर्बादियों में भी मुस्कुराने लगे है… नज्म एसी गाने लगे है, की मुरझाए फूल खिलखिलाने लगे है… चाँद ऐसा […] Read more » Himanshu Dabral Ilzam इल्जाम हिमांशु डबराल