एक गजल मोहब्बत पर

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तुम सामने आ जाओ,मेरे सोये जज्बात जग जाये
मेरी मोहब्बत के सफर में एक नया रंग आ जाये

करता हूँ की इसलिए हर वक्त मैं
तू जन्नत से उतर कर मेरे साथ संग आ जाये

छोड़ दू मैखाना मैं जाना ता उमर जिन्दगी
अगर तू मेरे नशे का एक अंग बन  जाये

पैदा करे मिसाल मोहब्बत की दुनिया में हम ऐसी
हमारी मोहब्बत का दर्द देखकर दुनिया दंग रह जाये

लगाये थे जो इल्जाम,हमारी मोहब्बत में इस दुनिया ने
इल्जामो को साफ़ करे ऐसे,जो इस का जंग उतर जाये

क्यों करते है अदावट,रस्तोगी की समझ में नहीं आता
चलाये ऐसा मजहब हम,जो अदावटो में भंग पड जाये

आर के रस्तोगी

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आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

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