शख्सियत समाज कम्युनिज्म से अध्यात्म की यात्रा : उदासीन संत रामजीदास July 12, 2017 by लोकेन्द्र सिंह राजपूत | Leave a Comment मार्क्स और लेनिन को पढ़ने वाला, लिख-गा रहा है नर्मदा के गीत – लोकेन्द्र सिंह ऐसा कहा जाता है- ‘जो जवानी में कम्युनिस्ट न हो, समझो उसके पास दिल नहीं और जो बुढ़ापे तक कम्युनिस्ट रह जाए,समझो उसके पास दिमाग नहीं।’ यह कहना कितना उचित है और कितना नहीं, यह विमर्श का अलग विषय है। हालाँकि मैं यह नहीं मानता, क्योंकि […] Read more » Featured उदासीन संत रामजीदास कम्युनिज्म रामजीदास