राजनीति हाइपर उपभोक्तावाद का हाइपर अनुदार राजनीतिक खेल February 18, 2010 / December 24, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | Leave a Comment सारे समाज में जब अनुदारवादी रूझान चल रहे हों तो राजनीति में भी अनुदारवाद ही आएगा बल्कि कहीं पर फासीवाद भी आ सकता है। ठीक यही गुजरात में हुआ है। गुजरात के युवावर्ग का अधिकांश हिस्सा वह है जिसकी किसी भी किस्म की धर्मनिरपेक्ष राजनीति में व्यस्तता नहीं है। यही स्थिति विगत तीस सालों में […] Read more » Consumerism उपभोक्तावाद
कला-संस्कृति अपसंस्कृति और उपभोक्तावाद के प्रवक्ता January 8, 2010 / January 8, 2010 by संजय द्विवेदी | 2 Comments on अपसंस्कृति और उपभोक्तावाद के प्रवक्ता “और आज छीनने आए हैं वे हमसे हमारी भाषा यानी हमसे हमारा रूप जिसे हमारी भाषा ने गढ़ा है और जो इस जंगल में इतना विकृत हो चुका है कि जल्दी पहचान में नहीं आता” हिंदी के प्रख्यात कवि स्व. सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की ये पंक्तियां किन्हीं दूसरे संदर्भों पर लिखी गई हैं, लेकिन वह […] Read more » अपसंस्कृति उपभोक्तावाद