जन-जागरण विविधा क्षत-विक्षत होता परिवार ? May 14, 2015 / May 14, 2015 by निर्भय कर्ण | Leave a Comment -15 मई- अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस- -निर्भय कर्ण- नेपाल में आए महाभूकंप ने न जाने कितने परिवारों को क्षत-विक्षत कर दिया, एक-दूसरे को एक-दूसरे से अलग कर दिया। जिन परिवारों की दुनिया अकेली हो गयी है यदि उनसे परिवार का मतलब पूछ लिया जाए तो उनके आंखों से बरबस ही आंसू निकल पड़ते हैं और बोल […] Read more » Featured एकल परिवार क्षत-विक्षत होता परिवार ? परिवार मिश्रित परिवार
महिला-जगत एकल परिवार और स्त्री – सारदा बनर्जी December 4, 2012 by सारदा बनर्जी | 4 Comments on एकल परिवार और स्त्री – सारदा बनर्जी आज के ज़माने में स्त्रियों के लिए एकल परिवार एक अनिवार्य शर्त बन गया है। स्त्री की आत्मनिर्भरता और सामाजिक गतिशीलता के विकास के लिए एकल परिवार बेहद ज़रुरी है। संयुक्त परिवार में स्त्रियों के पास अपने लिए समय नहीं होता। अपने आप को समझने और अपनी प्रतिभाओं के विकास का उन्हें बिल्कुल ही मौका […] Read more » एकल परिवार