लेख साहित्य गीता का कर्मयोग और आज का विश्व, भाग-50 February 3, 2018 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य गीता का आठवां अध्याय और विश्व समाज एकाक्षर ब्रह्म गीता के आठवें अध्याय में ब्रह्म, कर्म, अध्यात्म, अधिभूत, अधिदैव, अधियज्ञ तथा अन्तकाल की सुन्दर व्याख्या की गयी है। अर्जुन ने गीता के आठवें अध्याय के आरम्भ में प्रश्न कर लिया है कि पुरूषोत्तम वह ब्रह्म क्या है? अध्यात्म क्या है? कर्म क्या […] Read more » Featured karmayoga of geeta आज का विश्व एकाक्षर ब्रह्म गीता गीता का आठवां अध्याय गीता का कर्मयोग विश्व समाज