राजनीति शख्सियत एकात्म मानववाद: मानव के विकास, विवेक व वेदना का सूचकांक February 10, 2016 by प्रवीण गुगनानी | Leave a Comment भारत को देश से बहुत अधिक आगे बढ़कर एक राष्ट्र के रूप में और इसके अंश के रूप में इस देश के निवासियों को नागरिक नहीं अपितु परिवार सदस्य के रूप में माननें के विस्तृत दृष्टिकोण का अर्थ स्थापन यदि किसी राजनैतिक भाव या सिद्धांत में हो पाया है तो वह है पंडित दीनदयाल उपाध्याय […] Read more » Featured एकात्म मानववाद एकात्म मानववाद: मानव के विकास विवेक व वेदना का सूचकांक