कविता साहित्य
ऐसा ही कुछ करना होगा
by शालिनी तिवारी
लम्बे अर्से बीत चले हैं, इनसे कुछ सबक लेना होगा, उम्मीदों की सतत् कड़ी में, इस बार नया कुछ बुनना होगा, अपने समाज के अन्तिम जन को, अब तो बेहतर करना होगा, शिक्षित और जागरूक बनाकर, इनके हक में लड़ना होगा, कुछ न कुछ पाने का सबका, अपना अपना सपना होगा, सूख चुके आँसुओं को […]
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