विविधा कबीर की प्रासंगिकता July 31, 2016 by बीनू भटनागर | 3 Comments on कबीर की प्रासंगिकता कबीर पंद्रहवीं शताब्दी के संत थे, भक्तिकाल के कवियों मे वह प्रमुख रहस्यवादी कवि थे, उनके दोहे सुनने वाले लिख लेते थे या कंठस्त कर लेते थे क्योंकि कबीर अनपढ़ थे, पर ज्ञान का भंडार थे। उन्होने ख़ुद कहा कि ‘’मसि कागज़ गह्यो नहीं, कलम नहीं छुओ हाथ।‘’ सिख धर्म पर उनका प्रभाव स्पष्ट झलकता […] Read more » Featured values of kabir in present कबीर की प्रासंगिकता