साहित्य जहीरूद्दीन बाबर जीवन भर नही भूल पाया था खानवा के रणक्षेत्र को January 15, 2016 by राकेश कुमार आर्य | 2 Comments on जहीरूद्दीन बाबर जीवन भर नही भूल पाया था खानवा के रणक्षेत्र को बाबर कोस रहा था अपने भाग्य कोबाबर के सैनिकों में भगदड़ मच गयी और अंत में मिली पराजय। यह दृश्य देखकर बाबर को असीम दुख हुआ। उसने भारत में ‘लूट के माल’ को अपने सभी सैनिकों, परिचितों, मित्रों, बंधु बांधवों में बांट दिया था, केवल इसलिए कि ये लोग उसके हर सुख-दुख में उसका साथ […] Read more » babar Featured खानवा के रणक्षेत्र को जहीरूद्दीन बाबर जीवन भर नही भूल पाया था