कविता खुशी और ग़म February 2, 2021 / February 2, 2021 by आलोक कौशिक | 1 Comment on खुशी और ग़म नहीं लगा पाओगेइसका अनुमानकौन है जहान मेंकितना परेशान किसी के जीवन मेंहै कितनी खुशीअंदाज़ा ना लगानादेख उसकी हँसी चाहत नहीं होतीफिर भी चाहना पड़ता हैग़मों को छिपाकरमुस्कुराना पड़ता है बहते हैं उनके अश्रु भीजो सुख में जीवन जीते हैंदिखें ना आँसू जिनकेवो हर पल बहुत रोते हैं Read more » खुशी और ग़म