कविता खेलने खाने दो उनको ! June 21, 2020 / June 21, 2020 by गोपाल बघेल 'मधु' | Leave a Comment खेलने खाने दो उनको,टहल कर आने दो उनको;ज़रा गुम जाने दो उनको,ढूँढ ख़ुद आने दो उनको ! नहीं कोई कहीं जाता,बना इस विश्व में रहता;स्वार्थ में रम कभी जाता,तभी परमार्थ चख पाता ! प्रयोगी प्रभु उसे करते,जगत बिच स्वयं ले जाते;हनन संस्कार करवाते,ध्यान तब उनका लगवाते ! बाल वत विचर सब चलते,प्रौढ़ होते समय लेते;प्रकृति […] Read more » खेलने खाने दो उनको