कविता यह खूनी सड़क January 16, 2020 / January 16, 2020 by आत्माराम यादव पीव | Leave a Comment मेरे शहर की यह शांतचित्त सड़क कभी बहुत खिलखिलाया करती थी बचपन में इसके तन पर हम खेला करते थे गिल्लीडंडा तब कभी कभार दिन में दो-चार बसें और इक्का-दुक्का वाहन भोंपू बजाकर सड़क से गुजर जाते थे। पूरे शहर के हर मोहल्ले के बच्चे इस सड़क पर इकटठा होते और कोई गिल्लीडंडा खेलता तो […] Read more » गिल्लीडंडा