समाज घनघोर गरीबी व अति दयनीय हालत में जीने को मजबूर है ग्रामीण भारत July 21, 2015 by अशोक “प्रवृद्ध” | 2 Comments on घनघोर गरीबी व अति दयनीय हालत में जीने को मजबूर है ग्रामीण भारत अशोक “प्रवृद्ध” भारत विभाजन के पश्चात् बारह पंचवर्षीय योजनाओं में लाखों करोड़ रुपये खर्च करने के बाद भी ग्रामीण भारत घनघोर गरीबी व अति दयनीय हालत में जीने को मजबूर है। तीन जुलाई शुक्रवार को जारी सामाजिक, आर्थिक व जातिगत जनगणना रिपोर्ट-2011 के नवीनतम आंकड़ों ने ग्रामीण विकास के लिए दशकों से चलाई जा […] Read more » ग्रामीण भारत दयनीय हालत में जीने को मजबूर
समाज केन्द्रीय बजट और ग्रामीण भारत March 25, 2012 / July 22, 2012 by राजीव गुप्ता | Leave a Comment राजीव गुप्ता पांच राज्यों के चुनावों में कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन से सबक लेते हुए एवं रेल बजट से उत्पन्न हुए गर्म सियासी माहौल के बीच वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने यूपीए सरकार की दूसरी पारी का तीसरा बजट पेश करते हुए अपने को आम आदमी अर्थात ग्रामीण भारत से जुड़ाव दिखाने का प्रयास किया […] Read more » central budget केन्द्रीय बजट ग्रामीण भारत
शख्सियत ग्रामीण भारत की बुलन्द आवाज थे चौधरी रणबीर सिंह January 30, 2012 / May 9, 2012 by राजेश कश्यप | Leave a Comment 1 फरवरी/ पुण्यतिथि पर विशेष —ग्रामीण भारत की बुलन्द आवाज थे राजेश कश्यप आजकल देश में जनप्रतिनिधियों के प्रति जनता में बढ़ता अविश्वास,जातिपाति-धर्म-मजहब की संकीर्ण राजनीति, राज्यों के विभाजन, जमीन अधिग्रहण पर बवाल, आरक्षण की संकीर्ण सियासत, ऑनर किलिंग, किसानों की आत्महत्या, फसलों का उचित मुआवजा न मिलना आदि असंख्य समस्याएं विकट चुनौती बनी खड़ी […] Read more » Chaudhari Ranbir Singh ग्रामीण भारत ग्रामीण भारत की बुलन्द आवाज थे चौधरी रणबीर सिंह चौधरी रणबीर सिंह