व्यंग्य जी एस टी –गिव सर्वाइवल टैक्स July 3, 2017 by जगमोहन ठाकन | Leave a Comment जग मोहन ठाकन प्रकृति का सिद्धांत है जो विपरीत परिस्थितियों के अनुसार अपने आप को ढाल पायेगा वही जीवित रहने का अधिकारी है , बाकी खल्लास . डार्विन ने भी बहुत पहले कह दिया था – सर्वाइवल ऑफ़ दि फिट्टेस्ट . अब भी आपको कोई संदेह है , तो आपका राम ही रखवाला है […] Read more » gst जी एस टी