कविता क्यों हुये डाक्टर लुटेरा एक समान January 2, 2020 / January 2, 2020 by आत्माराम यादव पीव | Leave a Comment ओ नाच जमूरे छमा-छम, सुना बात पते की एकदम हाथपैर में हड़कन होती है, सर में गोले फूटे धमा-धम आं छी जुकाम हुआ या सीने में दर्द करे धड़ाधड़क, छींकें गरजे तोपों सी या खून नसों में फुदकें फुदकफुदक मेरा जमूरा बतायेगा, क्यों डाक्टर लूटेरा नहीं किसी से कम सुन मेरे प्यारे सुकुमार जमूरे तेरी […] Read more » doctors have become looters क्यों हुये डाक्टर लुटेरा एक समान डाक्टर लुटेरा एक समान