कला-संस्कृति जरूर पढ़ें महत्वपूर्ण लेख तुलसी की नारी ताडऩ की नही ”तारन” की अधिकारी है December 11, 2012 / December 10, 2012 by राकेश कुमार आर्य | 17 Comments on तुलसी की नारी ताडऩ की नही ”तारन” की अधिकारी है तुलसी के राम बाल्मीकि के राम से कई रूपों में भिन्न हैं। ऐसा प्रक्षेपों के कारण तो हुआ ही है साथ ही अर्थ का अनर्थ कर देने से भी हुआ है। असंगत अर्थों को और अतार्किक बातों को हमने पत्थर की लकीर मान लिया और लकीर के फकीर बनकर उन असंगत अर्थों को तोता की […] Read more » तुलसी की नारी