गजल देखकर आंसू मेरी आंखों में घबराते हैं लोग….. August 28, 2012 / August 28, 2012 by इक़बाल हिंदुस्तानी | Leave a Comment इक़बाल हिंदुस्तानी रात में चुपके से आकर आग सुलगाते हैं लोग, बाद में हमदर्द बनके पानी बरसाते हैं लोग। जानते हैं ज़िंदगी पानी का है एक बुलबुला, फिर भी इस नाचीज़ पर कितना इतराते हैं लोग । पहले दौलत के लिये अपनों से नज़रे फेर लीं, फिर उन्हीं अपनों की ख़ातिर खूब पछताते […] Read more » देखकर आंसू मेरी आंखों में घबराते हैं लोग.....