समाज आख़िर परिवर्तन का पाञ्चजन्य कौन फूंकेगा November 28, 2016 by अमित राजपूत | 1 Comment on आख़िर परिवर्तन का पाञ्चजन्य कौन फूंकेगा वास्तव में किन्नर देश के निर्माण में योगदान दे सकते हैं और एक उत्पादक शक्ति बन सकते हैं। उनकी अपनी क्षमता को एक किन्नर से बेहतर भला कोई और कैसे समझ सकता है। इसलिए उन्हें सशक्त बनाने के लिए स्वयं उनको ही नेतृत्व भी संभालना होगा। Read more » Featured role of transgenders transgenders किन्नर देश के निर्माण में योगदान परिवर्तन का पाञ्चजन्य