लेख साहित्य 1857 की क्रान्ति का नायक धनसिंह गुर्जर कोतवाल May 10, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment कोतवाल धनसिंह ने इन आजादी के दीवानों की सेना का रामराम करके स्वागत किया और उनसे पूछा कि क्या चाहते हो? उसने अपनी ओर से लोगों से कहा कि-'मारो फिरंगी को और देश को आजाद कराओ।' हनुमान की जय बोलकर इन सिरफिरे देशभक्तों की सेना कोतवाल धनसिंह के घोड़े के पीछे-2 चल दी, वह पुलिस जो इनके विशाल दल को रोकने के लिए तैनात थी, वह भी अपने कोतवाल के पीछे पीछे चल पड़ी। इन्होंने पहला धावा मेरठ की नई जेल पर बोल दिया। इन्होंने जेल से 839 कैदियों को मुक्त कराया और वे भी मुक्त होकर स्वतंत्रता सेनानियों के इस दल के साथ मिल गए और अंग्रेेजों की मेरठ जेल तोड़ दी । वहां से यह भीड़ मेरठ शहर और सिविल लाइन में घुस गई और अंग्रेज अधिकारियों के बंगलों को आग लगाना और उन्हें मारना शुरू कर दिया। Read more » 1857 की क्रान्ति का नायक Featured धनसिंह गुर्जर धनसिंह गुर्जर कोतवाल