कविता नारी क्या है एक दिन बन के देखो October 1, 2020 / October 1, 2020 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकनारी क्या है?एक दिन बन के देखोसुबह उठ किचन देखोनाश्ता टिफीन के साथकार्यालय विदाकर देखोजाने से उसके आनेतकप्रतीक्षा करके तो देखो! नारी क्या है?एक दिन बन के देखोमाहवारी पीड़ा की दौरगुजर करके तो देखोएक मां बन के देखोगहरी नींद से उठकरमल-मूत्र में पड़े रोतेस्व बचपन को देखो! नारी क्या है?एक दिन बनके देखोमाता-पिता […] Read more » नारी क्या है एक दिन बन के देखो