कविता नारी तुम वामांगी January 5, 2021 / January 5, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —–विनय कुमार विनायकनारी तुम वामांगी!कदम-कदम की सहचरी नर कीन पीछे,न आगे,बायीं ओर चलोसुदिन-दुर्दिन में भी बनी रहो तुम तारामती! हमें बनने दो चाण्डाल सेवक हरिश्चंद्रईमानदारी पूर्वक मृत्यु कर वसूलने दोअपने आत्मज और आत्मीय जन से भी! बचा लेने दो बदनाम होती हमारी जाति कोभाई-भतीजावाद/घूस-तरफदारी के आरोप सेइस कफनचोर श्मशान में,पास हो लेने दो मुझे सत्य […] Read more » नारी तुम वामांगी