व्यंग्य न्याय बिकता है February 19, 2015 by अनुज अग्रवाल | 4 Comments on न्याय बिकता है चरित्र जज साहब, कपिल सिब्बल, गरीब किसान दीना और उसका वकील सुरेश … (किसान दीना के खेत पर प्रधान ने कब्जा कर लिया है | सुनवाई हो ही रही थी कि सिब्बल साहब का फ़ोन आ जाता है) कपिल सिब्बल :- “हेल्लो हजूर, .. माईबाप हैं का ? जज साहब :- कहिये क्या हुआ […] Read more » न्याय बिकता है