व्यंग्य साहित्य पप्पू गिरी November 16, 2016 by एल. आर गान्धी | Leave a Comment खबरियों के लिए खबर थी और मनचलों के लिए सेल्फी लेने का एक मौका पप्पू महज़ ४००० हज़ार के गाँधी बैंक में बदलने जा पहुंचे ..... गाड़ियों का काफिला और अनगिनत अंग रक्षक साथ में पप्पू के पप्पियों की फौज ,ऊपर से खबरियों का झुण्ड - मधुमखियों की भांति पप्पू पर मंडरा रहा था ..... पप्पू इतरा रहे थे ....मैं इन लोगों के लिए लाइन में लगा हूँ ..... मोदी के सताए हुए हैं ये सब। Read more » पप्पू गिरी