व्यंग्य साहित्य परबुद्ध सम्मेलन September 18, 2017 by विजय कुमार | 1 Comment on परबुद्ध सम्मेलन मैं दोपहर बाद की चाय जरा फुरसत से पीता हूं। कल जब मैंने यह नेक काम शुरू किया ही था कि शर्मा जी का फोन आ गया। – वर्मा, पांच बजे जरा ठीक-ठाक कपड़े पहन कर तैयार रहना। दाढ़ी भी बना लेना। एक खास जगह चलना है। वहां से रात को खाना खाकर ही लौटेंगे। […] Read more » Featured परबुद्ध सम्मेलन