राजनीति पत्रकार पण्डित दीनदयाल जी ने दिया नया दर्शन October 16, 2017 by अनिल द्विवेदी | Leave a Comment दीनदयाल जी ने अपने राजनीतिक लेखों में एक नया वाद पैदा किया जिसे समन्वयवाद नाम दिया। राजनीतिक लिप्सा के आकांक्षी लोगों के लिए उन्होंने लिखा कि शिखर पर बैठने की इच्छा सबकी होती है मगर मंदिर के शिखर पर तो कौए भी बैठते हैं? हमें तो उस नींव का पत्थर बनने की आकांक्षा करनी चाहिए […] Read more » Featured जनसंघ पण्डित दीनदयाल उपाध्याय जी प्रसिद्ध विचारक दत्तोपंत ठेंगड़ी राष्ट्रवादी पत्रकारिता विकासवादी पत्रकारिता समन्वयवाद