कविता साहित्य फिर नरेंदर ! April 15, 2019 / April 15, 2019 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment सर्वेश सिंह तूं ही कविता, तूं ही मंतर सुखकारी बाहर आभ्यंतर स्वर्गिक धूनी अंदर नवल धवल मन्वंतर फिर नरेंदर ! रोग-ग्रस्त भूगोल दिखे है अड़गड़ जोग मचे है मुंह बिराते पंजर फिर नरेंदर ! देख दीखावा सब है धूल की ढेरी ढलता सूरज ढलता चँदा देश विरोधी नेता डोलें बन कर मस्त कलंदर फिर नरेंदर […] Read more » phir narendra vote for narendra फिर नरेंदर !