कविता बस यूं ही दिल से… January 20, 2016 by लक्ष्मी जायसवाल | Leave a Comment कुछ अनजाने से ख्वाब अब इन आंखों में बसने लगे हैं किसके अरमान हैं ये जो अब मेरे दिल में पलने लगे हैं। अरमानों के इस मेले में तन्हां हैं मेरी अपनी ख्वाहिशें दिल को बेकरार कर रही हैं न जाने किसकी हसरतें। हसरतों के इस समंदर में क्यों डूब रहा है दिल मेरा क्यों […] Read more » बस यूं ही दिल से
प्रवक्ता न्यूज़ बस यूं ही दिल से… June 16, 2014 / June 16, 2014 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment -लक्ष्मी जायसवाल- कुछ अनजाने से ख्वाब अब इन आंखों में बसने लगे हैं। किसके अरमान हैं ये जो अब मेरे दिल में पलने लगे हैं।। अरमानों के इस मेले में तन्हा हैं मेरी अपनी ख्वाहिशें। दिल को बेकरार कर रही हैं न जाने किसकी हसरतें।। हसरतों के इस समंदर में क्यों डूब रहा है दिल […] Read more » बस यूं ही दिल से हिन्दी हिन्दी कविता