लेख शख्सियत साहित्य नागार्जुन की कविता का भावबोध July 1, 2016 by शैलेन्द्र चौहान | Leave a Comment शैलेन्द्र चौहान बाबा नागार्जुन को भावबोध और कविता के मिज़ाज के स्तर पर सबसे अधिक निराला और कबीर के साथ जोड़कर देखा गया है। वैसे, यदि जरा और व्यापक परिप्रेक्ष्य में देखा जाए तो नागार्जुन के काव्य में अब तक की पूरी भारतीय काव्य-परंपरा ही जीवंत रूप में उपस्थित देखी जा सकती है। उनका कवि-व्यक्तित्व […] Read more » Featured Poet Nagarjun काव्य-संसार नागार्जुन नागार्जुन का संपूर्ण काव्य-संसार बाबा नागार्जुन
साहित्य कविता के उपनिवेश का अंत और नागार्जुन February 27, 2011 / December 15, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 2 Comments on कविता के उपनिवेश का अंत और नागार्जुन जगदीश्वर चतुर्वेदी साइबरयुग में कविता और साहित्य को लेकर अनेक किस्म की आशंकाएं व्यक्त की जा रही हैं। कुछ लोग यह सोच रहे हैं लोकतंत्र में कविता या साहित्य को कैद करके रखा जा सकता है ? यह सोचते रहे हैं कि साहित्य हाशिए पर पहुँच गया है।लेकिन ऐसा हो नहीं पाया है। इसके विपरीत […] Read more » Baba Nagarjun बाबा नागार्जुन
साहित्य लोकतंत्र के बिंदास लेखक नागार्जुन December 8, 2010 / December 19, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 2 Comments on लोकतंत्र के बिंदास लेखक नागार्जुन -जगदीश्वर चतुर्वेदी बाबा नागार्जुन को मंदी और नव्य-उदारीकरण के संदर्भ में पढ़ना निश्चित रूप से बड़ी उपलब्धि है। मैंने करीब एक दशक से बाबा को नहीं पढ़ा था, इस बीच में उन्हें चलताऊ ढ़ंग से पढ़ा और रख दिया था। लेकिन इस बीच में उनकी जो भी किताबें बाजार में आईं उन्हें खरीदता चला गया […] Read more » Writer बाबा नागार्जुन