धर्म-अध्यात्म यशोदानंदन-४१ April 13, 2015 by विपिन किशोर सिन्हा | Leave a Comment अक्रूर जी ने कंस का कथन बड़े ध्यान से सुना। कुछ समय मौन रहकर विचार किया – यदि वह बालक देवकी की आठवीं सन्तान है, तो अवश्य ही इस दुराचारी का वध करने में समर्थ होगा। इसकी मृत्यु निकट आ गई है, तभी यह दुर्जेय, अति पराक्रमी और ईश्वरीय गुणों से भरे हुए दोनों बालकों […] Read more » Featured gopal krishn Krishna बिपिन किशोर सिन्हा यशोदानंदन-४१
धर्म-अध्यात्म यशोदानंदन-४० April 11, 2015 / April 11, 2015 by विपिन किशोर सिन्हा | Leave a Comment अपनी अद्भुत लीला समाप्त कर श्रीकृष्ण ने व्रज लौटने का निश्चय किया। व्रज में श्रीकृष्ण की अनुपस्थिति से प्रोत्साहित अरिष्टासुर ने व्रज को तहस-नहस करने के उद्देश्य से व्रज में प्रवेश किया। उसने वृषभ का रूप धारण कर रखा था। उसके कंधे के पुट्ठे तथा डील-डौल असामान्य रूप से विशाल थे। उसके खुरों के पटकने […] Read more » Featured बिपिन किशोर सिन्हा यशोदानंदन-४० श्रीकृष्ण
धर्म-अध्यात्म यशोदानंदन-३९ April 10, 2015 / April 11, 2015 by विपिन किशोर सिन्हा | Leave a Comment अपनी अद्भुत लीला समाप्त कर श्रीकृष्ण ने व्रज लौटने का निश्चय किया। व्रज में श्रीकृष्ण की अनुपस्थिति से प्रोत्साहित अरिष्टासुर ने व्रज को तहस-नहस करने के उद्देश्य से व्रज में प्रवेश किया। उसने वृषभ का रूप धारण कर रखा था। उसके कंधे के पुट्ठे तथा डील-डौल असामान्य रूप से विशाल थे। उसके खुरों के पटकने […] Read more » Featured Krishna बिपिन किशोर सिन्हा यशोदानंदन
धर्म-अध्यात्म यशोदानंदन-38 April 8, 2015 / April 11, 2015 by विपिन किशोर सिन्हा | Leave a Comment वह शरद-पूर्णिमा की रात थी। बेला, चमेली, गुलाब, रातरानी की सुगंध से समस्त वातावरण मह-मह कर रहा था। चन्द्रदेव ने प्राची के मुखमंडल पर उस रात विशेष रूप से अपने करकमलों से रोरी-केशर मल दी थी। उस रात मंडल अखंड था। वे नूतन केशर की भांति लाल हो रहे थे, मानो संकोचमिश्रित अभिलाषा से युक्त […] Read more » Featured Krishna बिपिन किशोर सिन्हा यशोदानंदन
धर्म-अध्यात्म यशोदानंदन-३५ April 6, 2015 / April 11, 2015 by विपिन किशोर सिन्हा | Leave a Comment देवराज इन्द्र का आदेश पाते ही समस्त घातक बादल वृन्दावन के उपर प्रकट हुए। वहां निरन्तर बिजली की चमक, बादलों की गर्जना तथा प्रबल झंझा के साथ अनवरत वर्षा होने लगी। मोटे-मोटे स्तंभों के समान अविराम वर्षा करते हुए बादलों ने धीरे-धीरे वृन्दावन के संपूर्ण क्षेत्र को जलमग्न कर दिया। वर्षा के साथ तीव्र गति […] Read more » Featured Krishna बिपिन किशोर सिन्हा यशोदानंदन यशोदानंदन-३५