कविता बूढ़ा पेड़ बरगद का July 29, 2021 / July 29, 2021 by लिमटी खरे | Leave a Comment तल्खियां मौसम की,हवाओं के थपेड़े,जाने और क्या – क्यासहा उसनेमगर रिश्ता कमजोरनहीं पड़ने दियाधरती से अपना! ज्यों – ज्योंउम्रदराज हुआरिश्ता और भीआगाध हुआउनका! हर मुसीबत को सह गयापर धरती कोअपने आलिंगन सेमुक्त ना होने दियाउसने! यही वज़ह है शायद…आज भी मुस्कुरा रहा हैमेरे गांव में बूढ़ा पेड़बरगद का! आशीष “मोहन” Read more » बूढ़ा पेड़ बरगद का