कविता साहित्य बेसहारा बाप की व्यथा November 4, 2016 by अमन कौशिक | 1 Comment on बेसहारा बाप की व्यथा उधर भूख से बिलख रही थी नवासी मेरी.. इधर दुनिया को छोड़ चुकी थी बिटिया मेरी.. क्या करूँ, क्या पूछूँ, कुछ नहीं था सूझ रहा.. क्या वज़ह थी इसके पीछे, कुछ नहीं था दिख रहा.. Read more » "बेसहारा बाप की व्यथा" Featured