साहित्य भाषा और समाज June 6, 2015 / June 6, 2015 by गंगानन्द झा | 1 Comment on भाषा और समाज -गंगानंद झा- बात सन् 1989 की है, ‘बाबरी मस्जिद-राम मन्दिर’ का हंगामा चल रहा था, तभी कुछ दोस्तों ने शहर की दीवालों पर जगह-जगह चिपके बहुत सारे पोस्टर्स की ओर ध्यान दिलाया । ये पोस्टर्स उर्दू में थे, इनके मज़मून के बारे में कहा जा रहा था कि मुसलमानों को बाबरी मस्जिद के नाम पर […] Read more » Featured उर्दू देश भाषा भाषा और समाज समाज हिन्दी