कविता मनुष्य में उत्तम पुरुष मैं का भाव बहुत देर से आता April 6, 2022 / April 6, 2022 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकमनुष्य में उत्तम पुरुष मैं का भाव बहुत देर से आतामनुष्य कभी भी पहले पहल स्वयं को नहीं देख पातास्वयं को देखने के लिए मनुष्य को चाहिए पराई आंखेंये पराई आंखें मां पिता बहन अग्रज पूर्वज की होतीमनुष्य में जन्म से प्रथम पुरुष अहम का भाव नहीं होतामनुष्य किसी दूसरे मध्यम पुरुष के […] Read more » मनुष्य में उत्तम पुरुष मैं का भाव बहुत देर से आता