धर्म-अध्यात्म महर्षि दयानन्द ने खण्डन-मण्डन, समाज सुधार व वेद प्रचार क्यों किया ? April 30, 2015 by मनमोहन आर्य | 1 Comment on महर्षि दयानन्द ने खण्डन-मण्डन, समाज सुधार व वेद प्रचार क्यों किया ? –मनमोहन कुमार आर्य– महर्षि दयानन्द ने सन् 1863 में दण्डी स्वामी प्रज्ञाचक्षु गुरू विरजानन्द से अध्ययन पूरा कर कार्य क्षेत्र में पदार्पण किया था। उन दिनों में देश में अज्ञान, धार्मिक व सामाजिक अन्घविश्वास, कुरीतियां व अधर्म इतना अधिक बढ़ गया था कि इन बुराईयों से मुक्त होने का न तो किसी के पास कोई […] Read more » Featured महर्षि दयानन्द महर्षि दयानन्द ने खण्डन-मण्डन वेद वेद प्रचार समाज सुधार समाज सुधार व वेद प्रचार क्यों किया ?
धर्म-अध्यात्म महर्षि दयानन्द का सन् 1879 में देहरादून आगमन और आर्य समाज April 21, 2015 / April 21, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य- स्वामी दयानन्द ने सन् 1863 में मथुरा में प्रज्ञाचक्षु दण्डी स्वामी गुरू विरजानन्द सरस्वती से विद्या प्राप्त कर गुरू की प्रेरणा व आज्ञा से सत्य के मण्डन व असत्य का खण्डन का कार्य चुना था। उन्होंने अपने अपूर्व ज्ञान व वैदुष्य के कारण वैदिक मान्यताओं को सत्य पाया और अन्य विचारधाराओं को […] Read more » Featured आर्य समाज महर्षि दयानन्द महर्षि दयानन्द का सन् 1879 में देहरादून आगमन और आर्य समाज
धर्म-अध्यात्म मूर्तिपूजा और ओ३म् जय जगदीश हरे आरती April 20, 2015 / April 21, 2015 by मनमोहन आर्य | 2 Comments on मूर्तिपूजा और ओ३म् जय जगदीश हरे आरती –मनमोहन कुमार आर्य– महर्षि दयानन्द ने वेदों के आधार पर विद्या की नगरी काशी के सभी पण्डित समुदाय को चुनाती दी थी कि मूर्तिपूजा अवैदिक है। वेदों में मूर्ति पूजा नहीं है। अतः मूर्तिपूजा वेदविहित न होने से कर्तव्य नहीं है। काशी के सभी पण्डित मूर्तिपूजा करते व कराते थे और भक्तों से दान […] Read more » Featured महर्षि दयानन्द मूर्तिपूजा मूर्तिपूजा और ओ३म् जय जगदीश हरे आरती वैदिक
धर्म-अध्यात्म जीव, ईश्वर तथा महर्षि दयानन्द April 15, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य संसार में दो प्रकार के पदार्थ हैं, एक चेतन पदार्थ है एवं दूसरे जड़ पदार्थ, जो चेतन पदार्थों के गुणों के सर्वथा विपरीत गुण वाले होते हैं। इन चेतन पदार्थों में जीव और ईश्वर दोनों ही चेतन पदार्थ हैं, दोनों का स्वभाव पवित्र है, दोनों अविनाशी हैं तथा धर्मिकता आदि गुणों से […] Read more » ईश्वर तथा महर्षि दयानन्द महर्षि दयानन्द
धर्म-अध्यात्म महर्षि दयानन्द के जीवन के कुछ प्रेरक प्रसंग April 14, 2015 by मनमोहन आर्य | 2 Comments on महर्षि दयानन्द के जीवन के कुछ प्रेरक प्रसंग आर्य समाज के संस्थापक महर्षि दयानन्द सरस्वती इतिहास में हुए ज्ञात वैदिक विद्वानों में अपूर्व विद्वान हुए हैं। वेद ईश्वरीय ज्ञान है और सब सत्य विद्याओं का पुस्तक है। वेदों का आविर्भाव सृष्टि की उत्पत्ति के आरम्भ में 1.96 अरब वर्ष पहले हुआ था। हमारे पूर्वजों ने इस ग्रन्थ रत्न की प्राणपण से रक्षा की। […] Read more » aary samaj Featured आर्य समाज मनमोहन कुमार आर्य महर्षि दयानन्द महर्षि दयानन्द के जीवन के कुछ प्रेरक प्रसंग
धर्म-अध्यात्म गंगा की महिमा और महर्षि दयानन्द April 9, 2015 / April 11, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment महर्षि दयानन्द महाभारत काल के बाद भारत ही नहीं विश्व में उत्पन्न हुए वेदों के अपूर्व विद्वान थे। उन्होंने अपनी कठोरतम तपस्या व साधना व ब्रह्मचर्य से यह जाना था कि वेद सृष्टि की आदि में ईश्वर के द्वारा चार ऋषियों को दिया गया वह ज्ञान है जो मनुष्य के जीवन भर के कर्तव्यकर्मों-धर्मकार्यों आदि […] Read more » Featured गंगा की महिमा गंगा की महिमा और महर्षि दयानन्द मनमोहन कुमार आर्य महर्षि दयानन्द महाभारत काल
धर्म-अध्यात्म काशी शास्त्रार्थ और इसके दो शीर्ष विद्वानों का सौहार्द्र April 6, 2015 / April 7, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment महर्षि दयानन्द का मंगलवार 16 नवम्बर, 1869 को काशी के आनन्दबाग में अपरान्ह 3 बजे से सायं 7 बजे तक लगभग पांच हजार दर्शकों की उपस्थिति में विद्यानगरी काशी के शीर्षस्थ 30 पण्डितों से अकेले मूर्तिपूजा पर शास्त्रार्थ हुआ था। इस शास्त्रार्थ में सनातन धर्म वा पौराणिक मत के दो शीर्ष पण्डित स्वामी विशुद्धानन्द तथा […] Read more » Featured काशी काशी शास्त्रार्थ काशी शास्त्रार्थ और इसके दो शीर्ष विद्वानों का सौहार्द्र मनमोहन कुमार आर्य महर्षि दयानन्द
धर्म-अध्यात्म ईश्वरीय ज्ञान वेद के पुनरूद्धारक, रक्षक व प्रचारक महर्षि दयानन्द April 3, 2015 / April 4, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment भारत का इतिहास संसार में सबसे प्राचीन है। भारत के पास महाभारत नामक इतिहास ग्रन्थ है। इस ग्रन्थ में वर्णित महाभारत युद्ध की काल गणना करने पर यह पांच सहस्र वर्षों से कुछ अधिक पूर्व हुआ सिद्ध होता है। महाभारत से पुराना ग्रन्थ वाल्मिीकि रामायण व इसमें वर्णित इतिहास है जिसकी गणना लाखों व […] Read more » Featured ईश्वरीय ज्ञान महर्षि दयानन्द वेद
साहित्य संस्कृत व इतर भाषाओं का अध्ययन और महर्षि दयानन्द April 1, 2015 / April 4, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment महर्षि दयानन्द ने अपने जीवन काल (1825-1883) वा मुख्यतः 10 अप्रैल, 1875 को आर्यसमाज की स्थापना के बाद देश के अनेक लोगों से पत्रव्यवहार किया था। उनके पत्रों का संग्रह व प्रकाशन का मुख्य श्रेय स्वामी श्रद्धानन्द, पं. भगवद्दत्त रिसर्च स्कालर, महामहोपाध्याय पं. युधिष्ठिर मीमांसक एवं महाशय मामराज जी को है। सम्प्रति उनका उपलब्ध समस्त […] Read more » Featured महर्षि दयानन्द संस्कृत
धर्म-अध्यात्म छोटी आयु में बड़े धार्मिक काम करने वाले गुरूदत्त विद्यार्थी March 23, 2015 / March 23, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment महर्षि दयानन्द के जीवनकाल 1825-1883 में देश भर के अनेक लोग उनके सम्पर्क में आये जिनमें से कई व्यक्तियों को उनका शिष्य कहा जा सकता है परन्तु सभी शिष्यों में पं. गुरूदत्त विद्यार्थी उनके अनुपम व अन्यतम शिष्य थे। आपके पिता लाला रामकृष्ण जी फारसी भाषा के असाधारण विद्वान थे तथा राजकीय सेवा में अध्यापक […] Read more » गुरूदत्त विद्यार्थी छोटी आयु में बड़े धार्मिक काम करने वाले गुरूदत्त विद्यार्थी महर्षि दयानन्द
धर्म-अध्यात्म महर्षि दयानन्द के दो अधूरे स्वप्न January 25, 2015 by मनमोहन आर्य | 2 Comments on महर्षि दयानन्द के दो अधूरे स्वप्न महर्षि दयानन्द ईश्वरीय ज्ञान – चार वेदों के उच्च कोटि के विद्वान थे। वह योग के ज्ञाता व असम्प्रज्ञात समाधि के सिद्ध योगी थे। उन्होंने देश के विभाजन से पूर्व देश के अधिकांश भाग का भ्रमण कर मनुष्यों की धार्मिक, सामाजिक तथा अन्य सभी समस्याओं को जाना व समझा था। उनके समय जितने भी देशी […] Read more » महर्षि दयानन्द
धर्म-अध्यात्म ईश्वर-जीवात्मा विषयक यथार्थ ज्ञान के प्रदाता महर्षि दयानन्द January 21, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य महर्षि दयानन्द सरस्वती को किशारोवस्था में मृत्यु से बचने के लिए उपाय करने के साथ ईश्वर व जीवात्मा के यर्थाथ स्वरूप के ज्ञान की खोज करने की प्रेरणा प्राप्त हुई थी। उसी दिन से वह मृत्यु पर विजय प्राप्त करने के साथ ईश्वर व जीवात्मा की खोज के मिशन पर लग […] Read more » महर्षि दयानन्द