धर्म-अध्यात्म “दूसरों की उन्नति में ही हमारी व देश समाज की उन्नति सम्भव है” December 3, 2018 by अभिलेख यादव | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, परमात्मा ने यह संसार जीवात्माओं के कर्म फल भोग और अपवर्ग अर्थात् मोक्ष प्राप्ति के लिये बनाया है। मनुष्य तथा सभी पशु-पक्षी आदि योनियों में सबका आत्मा एक जैसा है। सबको समान रूप से सुख व दुःख की अनुभूति होती है। सब जीवात्मायें अपने पूर्व जन्मों के कर्मानुसार भिन्न-भिन्न योनियों को प्राप्त […] Read more » अवतारवाद उपनिषद फलित ज्योतिष मनुस्मृति महाभारत मूर्तिपूजा मृतक श्राद्ध रामायण वेदानुकूल दर्शन
धर्म-अध्यात्म “ईश्वरीय ज्ञान वेदों का पुनरुद्धार, देश को आजादी का मूलमन्त्र तथा सामाजिक न्याय का सिद्धान्त ऋषि दयानन्द की देन है” November 8, 2018 / November 8, 2018 by मनमोहन आर्य | 1 Comment on “ईश्वरीय ज्ञान वेदों का पुनरुद्धार, देश को आजादी का मूलमन्त्र तथा सामाजिक न्याय का सिद्धान्त ऋषि दयानन्द की देन है” मनमोहन कुमार आर्य, हम और सारा संसार ऋषि दयानन्द का ऋणी है। उनका ऋण ऐसा है कि जो कोई उतार नहीं सकता। उन्होंने संसार को सत्य ज्ञान दिया जो महाभारत युद्ध के बाद लुप्त होने के साथ अनेक विकृतियों से ग्रस्त हो गया था। वेदों के शुद्ध ज्ञान को प्राप्त करना सहज व सरल नहीं […] Read more » अज्ञान का निवारण अन्धविश्वास अन्धविश्वासों आजादी ऋषि दयानन्द फलित ज्योतिष महर्षि दयानन्द मूर्तिपूजा शिक्षा का प्रचार सामाजिक कुरीतियां
धर्म-अध्यात्म -बलिदास दिवस व पुण्य तिथि पर-“भारत भाग्य विधाता ऋषि दयानन्द” October 31, 2018 / October 31, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, आज ऋषि दयानन्द (1825-1883) का आंग्ल तिथि के अनुसार बलिदान दिवस वा पुण्य तिथि है। हिन्दी तिथि के अनुसार यह 7 नवम्बर, 2018 को है। ऋषि दयानन्द जी का बलिदान हुए पूरे 135 वर्ष व्यतीत हो चुके हैं। इस अवधि में उनके अनुयायियों एवं आर्यसमाज ने जो कार्य किये हैं उसमें अनेक […] Read more » अज्ञान सत्यार्थप्रकाश अवतारवाद ऋग्वेद-यजुर्वेद ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका ऋषि दयानन्द जन्मना जातिवाद फलित ज्योतिष मूर्तिपूजा मृतक श्राद्ध
धर्म-अध्यात्म “ऋषि दयानन्द के देश व मानवता के हित के अनेक कार्यों में एक कार्य वेदों का उद्धार” July 11, 2018 / July 11, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य ऋषि दयानन्द ने मानवता, समाज व देश हित के अगणित कार्य किये हैं। सब सुधारों का मूल वेदाध्ययन व वेदाचरण है। वेद मनुष्य को असत्य का त्याग करने और सत्य को ग्रहण करने की प्रेरणा करते हैं। वेदाध्ययन से अविद्या का नाश होता है और विद्या की वृद्धि होती है। मनुष्य […] Read more » Featured अवतारवाद ऋषि दयानन्द कार्य वेदों देश व मानवता फलित ज्योतिष मूर्तिपूजा मृतक श्राद्ध स्वामी श्रद्धानन्द जी और पं. गुरुदत्त विद्यार्थी जी आदि ऋषि
धर्म-अध्यात्म “ऋषि दयानन्द के सत्यार्थप्रकाश आदि ग्रन्थों में देश को आजादी दिलाने की भावना व प्रेरणा विद्यमान है” July 4, 2018 / July 4, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, पांच हजार से कुछ अधिक वर्ष पूर्व हुए महाभारत युद्ध के बाद से देश का तेजी से राजनैतिक, शैक्षिक व सामाजिक पतन होना आरम्भ हो गया था। महाभारत के बाद देश छोटे छोटे राज्यों में विभक्त होता गया। आचार्य चाणक्य और सम्राट विक्रमादित्य के काल में देश में छोटे राज्यों को मिलाकर […] Read more » Featured अंग्रेजों ऋषि दयानन्द गांधी जी गोपाल कृष्ण धर्म शास्त्रों फलित ज्योतिष मूर्तिपूजा सामाजिक स्वामी दयानन्द
धर्म-अध्यात्म मूर्तिपूजा पर ऋषि दयानन्द का अकेले काशी के 40 दिग्गज विद्वानों से सफल शास्त्रार्थ November 21, 2017 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -काशी शास्त्रार्थ की १४८ वी वर्षगांठ- -मनमोहन कुमार आर्य ऋषि दयानन्द ने अपने जीवन में जो महान् कार्य किए उनमें से एक काशी के दुर्गाकुण्ड स्थित आनन्द बाग में लगभग 50-60 हजार लोगों की उपस्थिति में ‘मूर्तिपूजा वेदसम्मत नहीं है’, विषय पर उनका शास्त्रार्थ भी था जिसमें स्वामी जी विजयी हुए थे। यह शास्त्रार्थ […] Read more » काशी शास्त्रार्थ मूर्तिपूजा
धर्म-अध्यात्म प्रज्ञाचक्षु स्वामी विरजानन्द सरस्वती मूर्तिपूजा का मौखिक खण्डन करते थे November 9, 2017 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य स्वामी दयानन्द जी देश भर घूमकर वेदों का प्रचार करते थे। वेद प्रचार के अन्तर्गत वह ईश्वर की स्तुति, प्रार्थना व उपासना का प्रचार करते हुए वेद विरुद्ध मूर्तिपूजा का खण्डन भी करते थे। मूर्तिपूजा से जुड़ा हम उनका एक संस्मरण प्रस्तुत कर रहे हैं जिसमें उन्होंने बताया है कि उन्हें मूर्तिपूजा […] Read more » मूर्तिपूजा मूर्तिपूजा का खण्डन स्वामी विरजानन्द सरस्वती जी की पुण्य तिथि
धर्म-अध्यात्म मूर्तिपूजा और जन्मना जाति प्रथा ईश्वरीय ज्ञान वेद के विरुद्ध और हिन्दू समाज के लिए हानिकारक August 3, 2016 by मनमोहन आर्य | 1 Comment on मूर्तिपूजा और जन्मना जाति प्रथा ईश्वरीय ज्ञान वेद के विरुद्ध और हिन्दू समाज के लिए हानिकारक मनमोहन कुमार आर्य मूर्तिपूजा से तात्पर्य ईश्वर की वैदिक शास्त्रों के अनुसार पूजा, ध्यान व स्तुति-प्रार्थना-उपासना न कर एक कल्पित पाषाण व धातु आदि की मूर्ति बना कर उसमें रूढ़ किये गये वैदिक व कुछ संस्कृत श्लोकों से प्राण-प्रतिष्ठा की कल्पना कर उसके आगे माथा टेकना, शिर झुकाना, भजन-कीर्तन करना, मूर्ति को मिष्ठान्न आदि का […] Read more » जन्मना जाति प्रथा ईश्वरीय ज्ञान वेद के विरुद्ध मूर्तिपूजा हिन्दू समाज के लिए हानिकारक
धर्म-अध्यात्म ईश्वर का ध्यान व उपासना तथा मूर्तिपूजा January 26, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment ईश्वर व मनुष्य में क्या अन्तर है? यह प्रश्न आपको अनुपयुक्त सा लग सकता है परन्तु प्रश्न तो प्रश्न है। हम इसका उत्तर देने का प्रयास करते हैं। ईश्वर वह है जो जीवात्माओं के सुख व दुःखों के भोग के लिए सत्व, रज व तम गुण से युक्त सूक्ष्म जड़ प्रकृति के द्वारा इस दृश्यमान […] Read more » ईश्वर का ध्यान व उपासना मूर्तिपूजा
धर्म-अध्यात्म मूर्तिपूजा, तीर्थ व नामस्मरण का सच्चा स्वरूप और स्वामी दयानन्द May 30, 2015 by मनमोहन आर्य | 3 Comments on मूर्तिपूजा, तीर्थ व नामस्मरण का सच्चा स्वरूप और स्वामी दयानन्द –मनमोहन कुमार आर्य- महर्षि दयानन्द न केवल वेदों एवं वैदिक साहित्य के विद्वान थे अपितु उन्हें पुराणों सहित सभी अवैदिक धार्मिक ग्रन्थों व पुस्तकों का भी तलस्पर्शी ज्ञान था। अपने इस व्यापक ज्ञान के कारण ही उन्होंने जहां वेदों का भाष्य किया और सत्यार्थ प्रकाश, ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका सहित संस्कार विधि आदि अनेक महत्वपूर्ण ग्रन्थों का प्रणयन […] Read more » Featured तीर्थ नामस्मरण का सच्चा स्वरूप मूर्तिपूजा स्वामी दयानन्द
धर्म-अध्यात्म मूर्तिपूजा और ओ३म् जय जगदीश हरे आरती April 20, 2015 / April 21, 2015 by मनमोहन आर्य | 2 Comments on मूर्तिपूजा और ओ३म् जय जगदीश हरे आरती –मनमोहन कुमार आर्य– महर्षि दयानन्द ने वेदों के आधार पर विद्या की नगरी काशी के सभी पण्डित समुदाय को चुनाती दी थी कि मूर्तिपूजा अवैदिक है। वेदों में मूर्ति पूजा नहीं है। अतः मूर्तिपूजा वेदविहित न होने से कर्तव्य नहीं है। काशी के सभी पण्डित मूर्तिपूजा करते व कराते थे और भक्तों से दान […] Read more » Featured महर्षि दयानन्द मूर्तिपूजा मूर्तिपूजा और ओ३म् जय जगदीश हरे आरती वैदिक
धर्म-अध्यात्म मूर्तिपूजा, तीर्थ हर की पैड़ी, एकसाथ खानपान और महर्षि दयानन्द April 11, 2015 / April 11, 2015 by मनमोहन आर्य | 1 Comment on मूर्तिपूजा, तीर्थ हर की पैड़ी, एकसाथ खानपान और महर्षि दयानन्द महर्षि दयानन्द अपने जीवनकाल में देश के विभिन्न भागों में वेद प्रचारार्थ जाते थे और लोगों को उपदेश करते थे। वह प्रायः सभी स्थानों पर अपने कार्यक्रमों के विज्ञापन कराते थे जिसमें उपदेशों के अतिरिक्त शंका समाधान, वार्तालाप और शास्त्रार्थ करने का आमंत्रण हुआ करता था। उनके इन कार्यक्रमों में हिन्दूओं सहित सभी मुस्लिम व […] Read more » Featured एकसाथ खानपान और महर्षि दयानन्द तीर्थ हर की पैड़ी मनमोहन कुमार आर्य मूर्तिपूजा मूर्तिपूजा तीर्थ हर की पैड़ी एकसाथ खानपान और महर्षि दयानन्द