कविता मैने कहाँ मांगा था… February 10, 2013 by बीनू भटनागर | 2 Comments on मैने कहाँ मांगा था… मैने कहाँ मांगा था सारा आसमा, दो चार तारे बहुत थे मेरे लियें, दो चार तारे भी नहीं मिले तो क्या.. चाँद की चाँदनी तो मेरे साथ है। मैने नहीं माँगा था कभी इन्द्रधनुष, जीवन मे कुछ रंग होते बहुत था, दो रंग भी नहीं मिला तो क्या.. श्वेत-श्याम ही बहुत हैं मेरे लियें। […] Read more » मैने कहाँ मांगा था...